Christmas Hindi Essay क्रिसमस

क्रिसमस प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसम्बर को आता है I एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ईस्वी पूर्व के बीच हुआ था। क्रिसमस को सभी ईसाई मनाते हैं, और आजकल कई गैर ईसाई भी इसे एक धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक उत्सव के रूप मे मनाते हैं।


यीशु के बारे में ये मान्यता है की मसीहा मदर मरियम के पुत्र रूप में पैदा हुआ I परम्परा के अनुसार इनका जनम एक अस्तबल में हुआ था जो हर तरफ़ से कह्तिहर जानवरों से घिरा था I वहां के जानवरों को यीशु के जनम के बारे में फ़रिश्ते ने बताया था अतः उन्होंने बच्चे को सबसे पहले देखा इसाईओं का मानना है की यीशु के जन्म से १०० साल पहेले की गए भविष्यवाणी को सच कर दिया I


यीशु जब धरती पर आये थे तो उन्होंने लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का सन्देश दिया और खुद को परमेश्वर का पुत्र बताया I उनकी लोकप्रियता को देखकर कुछ लोग उनके दुश्मन बन गये और उनको बहुत शारीरिक कष्ट दिए I लोग यीशु के भक्त बन गये थे I


फिर यीशु को क्रॉस पर लटका दिया गया और यीशु मसीह का देहांत हो गया पर वो 40 दिन बाद फिर से जी उठे और लोगों को उपदेश दिया I इसके बाद ईसाई धर्म पुरे विश्व में फैलने लगा I इस दिन सांता क्लॉज बच्चों को तोहफे बांटता है I लोग एक दूसरे को तोहफे देते हैं I


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क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था।

जीसस क्राइस्ट एक महान व्यक्ति थे और उन्होंने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने दुनिया के लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया था। इन्हें ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। उस समय के शासकों को जीसस का संदेश पसंद नहीं था। उन्होंने जीसस को सूली पर लटका कर मार डाला था। ऐसी मान्यता है कि जीसस फिर से जी उठे थे।

क्रिसमस के दिन ईसाई लोग अपने घर को भलीभांति सजाते हैं। क्रिसमस की तैयारियां पहले से ही होने लगती हैं। लगभग एक सप्ताह तक छुट्‍टी रहती है। बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। घर और बाजार रंगीन रोशनियों से जगमगा उठते हैं।

चर्च में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। लोग अपने रिश्तेदारों एवं मित्रों से मिलने उनके घर जाते हैं। सभी एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इस दिन आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। इसकी विशेष सज्जा की जाती है। इस त्योहार में केक का विशेष महत्व है। मीठे, मनमोहन केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत पुराना है। लोग एक-दूसरे को केक खिलाकर पर्व की बधाई देते हैं। सांताक्लाज का रूप धरकर व्यक्ति बच्चों को टॉफियां-उपहार आदि बांटता है।

ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाता है।

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